2022 में बिटकॉइन कब खरीदें:-👇👇👇👇👇👇👇👇
जैसा कि साल 2021 में बिटकॉइन की कीमत 50 लाख को प्राप्त कर गई थीI पूरे क्रिप्टो करेंसी में bull run की शुरुआत सितंबर अक्टूबर के महीने से हुई थीI 2022 में भी मार्केट वैसा ही ट्रेंड कर रहा हैI और बिटकॉइन में 2022 में अगर आपको इन्वेस्टमेंट करना है तो उसका सही समय अगस्त हैI क्योंकि इसके बाद बिटकॉइन का प्राइस बहुत ऊपर चला जाएगा और फिर आपको ऊंचे दाम में खरीदने की जरूरत पड़ेगीI यह कोई मेरी वित्तीय सलाह नहीं है, बल्कि पिछले 4 सालों में किए गए निवेश तथा उससे प्राप्त प्रॉफिट को बुक करने के बाद जो अनुभव प्राप्त किया है उसी के आधार पर आपको बता रहा हूंI
बिटकॉइन कहां से खरीदें:-👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇
आप बिटकॉइन किसी भी Exchange से खरीद सकते हैं, अगर इसे Indian Exchange जैसे WazirX और Coin DCX से खरीदना चाहते हैं तो उसमें आपका 1% TDS कटेगा
काटा गया TDS क्या वापस होगा:-👇👇👇👇👇👇👇
जी हां बिल्कुल ITR भरते समय काटा गया TDS क्लेम कर सकते हैं तथा उस वित्तीय वर्ष का TDS आप Income Tax Department से रिफंड ले सकते हैंI
बिटकॉइन से जुड़े कुछ तथ्य:-👇👇👇👇👇👇👇👇👇
इन दिनों Bitcoin की लोकप्रियता तेजी से बढ़ती जा रही है। जैसा कि बिटकॉइन को mother of क्रिप्टोकरंसी भी कहा जाता हैI क्योंकि क्रिप्टो करेंसी की पूरी रूपरेखा बिटकॉइन के आसपास ही घूमती हैI आपको जानकर यह हैरानी होगी कि पूरी क्रिप्टो करेंसी मार्केट मैं बिटकॉइन का मार्केट केपीटलाइजेशन 40% से ऊपर है
क्या होती है बिटकॉइन माइनिंग?👇👇👇👇👇👇👇👇👇
माइनिंग का नाम सुनते ही सबसे पहले सोने, हीरे या कोयले की खुदाई का ख्याल मन में आता है। क्रिप्टो माइनिंग या बिटकॉइन माइनिंग का मतलब puzzle को solve करके नई बिटकॉइन बनाना है। चलिए थोड़ा आसान भाषा में समझते हैं। जिस तरह हम किसी को पैसे भेजने को लिए कोई ट्रांजेक्शन करते हैं तो वह पहले बैंक के पास जाती है और फिर बैंक उसे वैलिडेट कर के आगे भेजता है। क्रिप्टोकरंसी के मामले में कॉइन भेजने वाले उसे रिसीव करने वाले के बीच में बैंक जैसा कुछ नहीं होता है, बल्कि सिर्फ computers होते हैं। इन कंप्यूटर्स को कुछ लोग चलाते हैं, जिसके जरिए हर ट्रांजेक्शन वैलिडेट होती है। उनकी इस मेहनत के बदले उन्हें बिटकॉइन मिलते हैं। इसे ही बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को भी आसान भाषा में समझें:-👇👇👇
जब कोई शख्स किसी दूसरे शख्स को क्रिप्टोकरंसी भेजता है, तो वह ट्रांजेक्शन computers के पास जाती है। इनके जरिए क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन को validate किया जाता है और इन्हें distributed ledger में शामिल किया जाता है। यह सारी ट्रांजेक्शन एक Block में दर्ज होती हैं और इस Block की साइज करीब 1 MB की होती है। जब एक Block भर जाता है तो उसे ब्लॉक कर के नया Block बनाया जाता है और नए ब्लॉक को पहले वाले ब्लॉक से जोड़ा जाता है। यह सारे ब्लॉक एक दूसरे से जुड़े रहते हैं, जिससे एक चेन सी बन जाती है। इसी वजह से इसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कहा जाता है।
Note:- अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और कमेंट करें, धन्यवादI
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